कोलेरेडो में अमेरिका में जब पहली दफा सोने की खदानें मिलीं, तो एक बहुत अदभुत घटना घटी, मुझे प्रीतिकर रही है। जब पहली दफा सोना मिला अमेरिका के कोलेरेडो में--और आज सबसे ज्यादा सोना कोलेरेडो में है, सबसे ज्यादा सोने की खदानें हैं--तो किसानों को ऐसे ही खेत में काम करते हुए सोना मिलना शुरू हो गया। पहाड़ों पर लोग चढ़ते, और सोना मिल जाता। लोगों ने जमीनें खरीद लीं और अरबपति हो गए।
एक आदमी ने सोचा कि छोटी-मोटी जमीन क्या खरीदनी है; एक पूरा पहाड़ खरीद लिया। सब जितना पैसा था, लगा दिया। कारखाने थे, बेच दिए। पूरा पहाड़ खरीद लिया। खरबपति हो जाने की सुनिश्चित बात थी। जब छोटे-छोटे खेत में से खोदकर लोग सोना निकाल रहे थे, उसने पूरा पहाड़ खरीद लिया।
लेकिन आश्चर्य, पहाड़ पर खुदाई के बड़े-बड़े यंत्र लगवाए, लेकिन सोने का कोई पता नहीं! वह पहाड़ जैसे सोने से बिलकुल खाली था। एक टुकड़ा भी सोने का नहीं मिला। कोई तीन करोड़ रुपया उसने लगाया था पहाड़ खरीदने में, बड़ी मशीनरी ऊपर ले जाने में। लोग कुदालियों से खोदकर सोना निकाल रहे थे कोलेरेडो में। सारी दुनिया कोलेरेडो की तरफ भाग रही थी। और वह आदमी बर्बाद हो गया कोलेरेडो में जाकर। उसकी हालत ऐसी हो गई कि मशीनों को पहाड़ से उतारकर नीचे लाने के पैसे पास में न बचे कि मशीनें बेच सके। ठप्प हो गया।
अखबारों में खबर दी उसने कि मैं पूरा पहाड़ मय मशीनरी के बेचना चाहता हूं। उसके मित्रों ने कहा, कौन खरीदेगा! सारे अमेरिका में खबर हो गई है कि उस पहाड़ पर कुछ नहीं है। पर उसने कहा कि शायद कोई आदमी मिल जाए, जो मुझसे ज्यादा हिम्मतवर हो। कोई इतना पागल नहीं है, लोगों ने कहा। लेकिन उसने कहा, एक कोशिश कर लूं। क्योंकि मैं सोचता हूं, कोई मुझसे हिम्मतवर मिल सकता है।
और एक आदमी मिल गया, जिसने तीन करोड़ रुपए दिए और पूरा पहाड़ और पूरी मशीनरी खरीदी। जब उसने खरीदी, तो उसके घर के लोगों ने कहा कि तुम बिलकुल पागल हो गए हो। दूसरा आदमी बर्बाद हो गया; अब तुम बर्बाद होने जा रहे हो! उस आदमी ने कहा, जहां तक पहाड़ खोदा गया है, वहां तक सोना नहीं है, यह साफ है। इसलिए मामला काफी हो चुका है। अब सोना नीचे हो सकता है। जहां तक खोदा गया है, वहां तक नहीं है। हम भी इस झंझट से बचे। वह आदमी मेहनत कर चुका, जो बेकार मेहनत थी। अब आगे मेहनत करनी है। बहुत-सा तो कट चुका है पहाड़। कौन जाने नीचे सोना हो! लोगों ने कहा कि इस झंझट में मत पड़ो। और जमीनें बहुत हैं, जिन पर ऊपर ही सोना है। पर उस आदमी ने वह पहाड़ खरीद ही लिया।
और आश्चर्य की बात कि पहले दिन की खुदाई में ही कोलेरेडो की सबसे बड़ी सोने की खदान मिली--सिर्फ एक फुट मिट्टी की पर्त और। एक फुट मिट्टी की पर्त और! और कोलेरेडो का सबसे बड़ा सोने का भंडार उस पहाड़ पर मिला। और वह आदमी कोलेरेडो का सबसे बड़ा खरबपति हो गया।
एक फुट! कभी-कभी एक इंच से भी चूक जाते हैं। कभी-कभी आधा इंच से भी चूक जाते हैं।
कृष्ण कहते हैं, पिछले जन्मों की यात्रा, अगर थोड़ी-बहुत अधूरी रह गई हो, कहीं हम चूक गए हों, तो किसी दिन अनायास, किसी जन्म में अनायास बीज फूट जाता है; दीया जल जाता है; द्वार खुल जाता है। और कई बार ऐसा होता है कि इंचभर से ही हम चूक जाते हैं। और इंचभर से चूकने के लिए कभी-कभी जन्मों की यात्रा करनी पड़ती है।
#ओशो : गीता दर्शन