Republic Day - 2019

02 August 2018

रुके रुके से कदम

रुके रुके से कदम
रुक के बार बार चले
करार लेके तेरे दर से
बेकरार चले

सुबह ना आई
कई बार नींद से जागे
थी एक रात की ये जिन्दगी
गुजार चले

उठाए फिरते थे
एहसान दिल का सीने पर
ले तेरे कदमों में ये कर्ज भी
उतार चले
        - गुलज़ार