Republic Day - 2019

09 February 2019

परमात्मा की कृपा



जीसस के जीवन में कहानी हैजो उन्होंने बहुत बार कही। एक बगीचे के मालिक ने सुबह-सुबह मजदूर बुलाए। अंगूरों का बगीचा था और जल्दी ही फसल को काट लेना था। मौसम बदला जाता था। सुबह जो मजदूर आये उन्होंने दोपहर तक काम किया। मालिक आयाउसने देखा। उसने कहाइतने मजदूरों से शाम तक काम निपटेगा नहीं। तो भेजा अपने मुनीम को कि और मजदूर ले आओ। तो भर-दुपहरी कुछ और मजदूर लाए गये। फिर आया मालिक। सांझ ढलने को थी। उसने कहाइनसे भी काम न हो पायेगाकुछ और बुला लाओ। तो सूरज ढलते-ढलते काम बंद होतेऱ्होते कुछ मजदूर आए। और जब रात्रि में उसने पैसे बांटे तो सबको बराबर दे दिये--जो सुबह आये थे उनको भीजो दोपहर आये थे उनको भीजो सांझ आये थे उनको भी। जिन्होंने दिनभर काम किया उनको भीऔर जिन्होंने कुछ भी काम न किया था उनको भी। तो जो सुबह आये थे वे निश्चित नाराज हो गये। और उन्होंने कहा, "यह अन्याय है। हम सुबह से आये हैंदिनभर पसीना बहाया है। हमें भी उतनाऔर इन्हें भी उतना जो अभी-अभी आये और जिन्होंने कुछ भी नहीं कियाजिन्हें करने का मौका ही न मिलाक्योंकि सूरज ढल गया?'
तो उस मालिक ने कहातुम्हें कम तो नहीं दिया हैउन्होंने कहा, "नहींकम नहीं दिया है। जितनी मजदूरी मिलतीउससे ज्यादा ही दिया है। लेकिन अन्याय हो रहा है। इन्होंने तो कुछ भी नहीं किया।तो उस मालिक ने कहा कि तुम अपनी फिक्र करो। तुम्हें जितना मिलना था उससे ज्यादा मिल गयातुम प्रसन्न नहीं हो। तुम इनसे तुलना मत करो। इन्हें मैं काम के कारण नहीं देतामेरे पास बहुत हैइसलिए देता हूं। मैं सबको बराबर दे रहा हूं। मेरे पास जरूरत से ज्यादा है। तुम्हारे काम के कारण नहींमेरे पास हैइसलिएमैं बोझ से दबा हूंइसलिए।
जीसस की कहानी बड़ी महत्वपूर्ण है।
महावीर तुम्हें देते हैं तुम्हारे दुख के कारण नहीं। मिला है उन्हेंखूब मिला है! और उसको न बांटें तो वह बोझिल हो जाता है। उसे बांटना जरूरी है। अगर तुम न भी होओगे तो भी बांटेंगे। अगर तुम सुखी होओगे तो भी बांटेंगे।

तुम बांटने से डरते हो, क्योंकि कल का पक्का नहीं है। और आज का अगर बांट दिया तो कल मिलेगा या नहीं! लेकिन तीर्थंकर उस दशा में हैं जहां प्रतिपल अनंत बरस रहा है। तो जो इस क्षण बरसा है, उसे बांट ही देना है; क्योंकि दूसरे क्षण के लिए जगह खाली करनी है। अगर न बांटा तो बासा पड़ा रह जायेगा और बासे के कारण नये के आने में बाधा पड़ेगी। और अगर बासा बहुत इकट्ठा हो गया, उसकी राशियां लग गयीं तो नये के जन्म की कोई संभावना न रह जायेगी।
 

ओशो : जिनसूत्र