Republic Day - 2019

17 December 2017

DESH BHAKTI GEET

देशभक्ति गीत :
१. मेरा रंग दे बसंती  चोला  
२.इण्डियावाले  
३.ऐसा देश है मेरा 
४. ए मेरे वतन के लोगों 
५. ए देश है वीर जवानों का 
६. अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा नहीं सकते  
७.ए मेरे प्यारे वतन 
८.भारत का रहनेवाला हूँ   
९. जहाँ डाल डाल पे सोने की चिड़िया   
१०.मेरे देश को धरती  
११. अय वतन अय वतन 
१२. जलवा जलवा  
१३.जिस देश में गंगा बहती है  
१४. आई लव माय इण्डिया  
१५. आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊ  
१६. छोडो कल की बातें  
१७. नन्हा मुन्हा राही हूँ  
१८. माँ तुजे सलाम  
१९. नन्हें मुन्ने बच्चें तेरी मुठ्ठी में काया है  
२०. अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों  
२१. साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल  
२२. सबसे आगे होंगे हिंदुस्तानी  
२३. हम लोगों को समज सको तो समाजो  
२४. मेरा मुल्क मेरा देश  
२५. इट्स हेपन ओन्ली इन इण्डिया  
२६. देश रंगीला  
२७. सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा  
 


देश भक्ति गीत
अनुक्रमणिका
(1) ऐ मेरे वतन के लोगों
(2) आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं   
(3) छोड़ो कल की बातें 
(4) जहाँ डाल डाल पर सोने की 
(5) होठों पे सच्चाई रहती है    
(6) दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल   
(7) नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
(8) मेरे देश की धरती सोना उगले      
(9) ये देश है वीर जवानों का   
(10) है प्रीत जहाँ की रीत सदा  
(11) अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों   
(12) नन्हा मुन्ना राही हूँ
(13) ऐ मेरे प्यारे वतन 
(14) झण्डा ऊँचा रहे हमारा     
(15) अपनी आज़ादी को हम    
(16) इंसाफ़ की डगर पे 
(17) ऐ वतन ऐ वतन  
(18) क़दम क़दम बढ़ाये जा     
(19) ये देश है वीर जवानों का  
(20) सरफ़रोशी की तमन्ना     
(21) हम लाये हैं तूफ़ान से     
(22) ऐसा देस है मेरा   
(23) आई लव माई इंडिया     
(24) भारत हमको जान से प्यारा है     
(25) ये जो देस है तेरा  
(26) हर करम अपना करेंगे     
(27) जन-गण-मन     
(28) वंदे मातरम् 28
(29)  मेरा मुल्क मेरा देश
(30) सारे जहाँ से अच्छा
(31)  इण्डियावाले
(32) मेरा रंग दे बसंती चोला


(1) ऐ मेरे वतन के लोगों

ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -2
जो लौट के घर न आए -2

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जब देश में थी दिवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पे मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत-समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफर करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

तुम भूल न जाओ उनको
इस लिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो कुर्बानी

जय हिंद जय हिंद की सेना -2
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद

गीतकार प्रदीप


(2) आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम ...

उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की,
इस मिट्टी से ...

ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मि़नियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से ...

देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
वीर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से ...

जलियाँ वाला बाग़ ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरने वाले बोल रहे थे इंक़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाज़ी अपनी जान की
इस मिट्टी से ...
ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से ...

(3) छोड़ो कल की बातें
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...

आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चाँद के दर पे जा पहुंचा है आज ज़माना
नये जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...

हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख़ कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...

आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों को अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को गौतम की भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...

हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है चांदी की यमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ...

-फ़िल्म : हम हिन्दुस्तानी


 (4) जहाँ डाल डाल पर सोने की
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियाँ करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा...

जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा...

ये धरती वो जहाँ ॠषि मुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक एक एक मोहन है और राधा इक एक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा...

जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये तो फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा...

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है होली के कहीं मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा...

जहाँ आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले
किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी यहाँ बजाता आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा...

जहाँ सत्य अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा...

फ़िल्म : सिकन्दर-ए-आज़म


(5) होठों पे सच्चाई रहती है
होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े में गुज़ारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं
ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नहीं पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

होठों पे सच्चाई रहती है, जहाँ दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है

फ़िल्म : जिस देश में गंगा बहती है


(6) दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई
दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई
दुश्मन के क़िले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़कीर खूब क़रामात दिखाई
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

शतरंज बिछा कर यहाँ बैठा था ज़माना
लगता था कि मुश्क़िल है फ़िरंगी को हराना
टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था दाना
पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना
मारा वो कस के दाँव के उल्टी सभी की चाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

जब-जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े
मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े
हिंदू व मुसलमान, सिख, पठान चल पड़े
क़दमों में तेरी कोटि-कोटि प्राण चल पड़े
फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

मन में थी अहिंसा की लगन तन पे लंगोटी
लाखों में घूमता था लिए सत्य की सोंटी
वैसे तो देखने में थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन तुझी झुकती थी हिमालय की चोटी
दुनिया में तू बेजोड़ था इन्सान बेमिसाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम
जग में कोई जिया है तो बापू तूही जिया
तूने वतन की राह में सब कुछ लुटा दिया
मांगा न कोई तख़्त न तो ताज ही लिया
अमृत दिया सभी को मगर ख़ुद ज़हर पिया
जिस दिन तेरी चिता जली, रोया था महाकाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल

दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल
रघुपति राघव राजा राम

               फ़िल्म : जागृति


(7) नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है...
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है

भोली भाली मतवाली आँखों में क्या है
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है...
भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे

भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है...

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है...

हमसे न छुपाओ बच्चों हमें तो बताओं
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओं

आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा
बदलेगा ज़माना ये सितारों पे लिखा है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ...
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ...

फ़िल्म : बूट पॉलिश


(8) मेरे देश की धरती सोना उगले
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नहीं हैं सब पे है माँ उपकार तेरा

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती

ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगतसिंह से रंग अमन का वीर जवाहर से

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
फ़िल्म : उपकार


(9) ये देश है वीर जवानों का
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की, यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में, मचती में धूमें बस्ती में

पेड़ों पे बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियाँ गालों में

कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं

दिलबर के लिये दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं

फ़िल्म : नया दौर



(10) है प्रीत जहाँ की रीत सदा
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने, दुनिया को तब गिनती आई
तारों की भाषा भारत ने, दुनिया को पहले सिखलाई

देता ना दशमलव भारत तो, यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का, अंदाज़ लगाना मुश्किल था

सभ्यता जहाँ पहले आई, पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है, जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा, ज्यूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े, बढ़ता ही रहे और फूले-फले

है प्रीत जहाँ की रीत सदा, मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ

काले-गोरे का भेद नहीं, हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको, हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया, मैं बात वही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ

जीते हो किसी ने देश तो क्या, हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में, नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ, मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ

इतनी ममता नदियों को भी, जहाँ माता कहके बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या, पत्थर भी पूजे जाते हैं
उस धरती पे मैंने जन्म लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ


फ़िल्म : पूरब और पश्चिम


(11) अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों - (2)

साँस थमती गई नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते क़दम को न रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते मरते रहा बाँकपन साथियों, अब तुम्हारे ...

ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क़ दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों, अब तुम्हारे ...

राह क़ुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये क़ाफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों, अब तुम्हारे ...

खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाये न रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये न सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों, अब तुम्हारे

फ़िल्म : हक़ीक़त


(12) नन्हा मुन्ना राही हूँ
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द

रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढाऊँगा क़दम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम!
नन्हा मुन्ना राही हूँ...

धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ
धरती पे फाके न पाएगें जन्म
आगे ही आगे ...

नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे ...

बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा
दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे ...

शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊँगा प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूँगा कहीं बम
आगे ही आगे ...

फ़िल्म : सन ऑफ़ इंडिया


(13) ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल कुर्बान, तू ही मेरी आरज़ू
तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबां को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल कुर्बान...

माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको, उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल कुर्बान...

छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुए, उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल कुर्बान...
फ़िल्म : काबुलीवाला

(14) झण्डा ऊँचा रहे हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा - 2
झण्डा ऊँचा रहे हमारा

सदा शक्ती बरसाने वाला
प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला
मातृ भूमी का तन मन सारा - 2
झण्डा ऊँचा रहे हमारा ...

आओ प्यारे वीरों आओ
देश धर्म पर बलि-बलि जाओ
एक साथ सब मिल कर गाओ
प्यारा भारत देश हमारा
झण्डा ऊँचा रहे हमारा ...

शान न इसकी जाने पाये
चाहे जान भले ही जाये
सत्य की विजयी कर दिखलाएं
तब होए प्रण पूर्ण हमारा - 2
झण्डा ऊँचा रहे हमारा ...


(15) अपनी आज़ादी को हम
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं

हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैंकड़ों कुर्बानियाँ देकर ये दौलत पाई है
मुस्कुरा कर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियां
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं...

क्या चलेगी ज़ुल्म की अहले-वफ़ा के सामने
आ नहीं सकता कोई शोला हवा के सामने
लाख फ़ौजें ले के आए अमन का दुश्मन कोई
रुक नहीं सकता हमारी एकता के सामने
हम वो पत्थर हैं जिसे दुश्मन हिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं...

वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे
हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख़ बदलते जाएंगे
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे
एक धोखा खा चुके हैं और खा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं...

हम वतन के नौजवाँ है हम से जो टकरायेगा
वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जायेगा
वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मो-सितम
आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहरायेगा
जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं
सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं...
फ़िल्म : लीडर

(16) इंसाफ़ की डगर पे
इंसाफ़ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के

दुनिया के रंज सहना और, कुछ ना मुँह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
इंसाफ़ की डगर पे...

अपने हों या पराए, सब के लिए हो न्याय
देखों क़दम तुम्हारा, हरगिज़ ना डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं, चलना संभल-संभल के
इंसाफ़ की डगर पे...

इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन की भेंट देकर, भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
इंसाफ़ की डगर पे...
फ़िल्म : गंगा जमुना


(17) ऐ वतन ऐ वतन
जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना देश पर जाने

जब शहीदों की डोली उठे धूम से
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई यूपी से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के, आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो क़दम ग़ैर का
उस क़दम का निशां तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...


(18) क़दम क़दम बढ़ाये जा
क़दम क़दम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा

तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा

हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे खड़े, तू खाक में मिलाये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये ज़िंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा

चलो दिल्ली पुकार के, ग़म-ए-निशाँ संभाल के
लाल क़िले पे गाड़ के, लहराये जा लहराये जा

क़दम क़दम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये जिंदगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा

(19) ये देश है वीर जवानों का
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना

यहाँ चौड़ी छाती वीरों की, यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में, मचती में धूमें बस्ती में

पेड़ों पे बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियाँ गालों में

कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं
दिलबर के लिये दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं
फ़िल्म : नया दौर

(20) सरफ़रोशी की तमन्ना
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है।

करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल मैं है।

यों खड़ा मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार-बार
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है।

ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार
अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है।

वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,
हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है।

खींच कर लाई है सब को कत्ल होने की उम्मीद,
आशिक़ों का आज जमघट कूचा-ऐ-क़ातिल में है।

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है।                
फ़िल्म : शहीद


(21) हम लाये हैं तूफ़ान से
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के

हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के ...

देखो कहीं बरबाद न होवे ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग शहीदों ने बाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

दुनिया के दांव पेंच से रखना न वास्ता
मंजिल तुम्हारी दूर है लंबा है रास्ता
भटका न दे कोई तुम्हें धोके मे डाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

एटम बमों के ज़ोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर क़दम उठाना जरा देखभाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...

आराम की तुम भूल भुलय्या में न भूलो
सपनों के हिंडोलों में मगन हो के न झूलो
अब वक़्त आ गया मेरे हंसते हुए फूलो
उठो छलांग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन में तिरंगा उछाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चो संभाल के
हम लाये हैं तूफ़ान से किश्ती निकाल के...
फ़िल्म : जाग्रति

(22) ऐसा देस है मेरा
Movie/Album: वीर ज़ारा (2004)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, लता मंगेशकर, गुरुदास मन, पृथा मजुमदार

अंबर हेठाँ धरती वसदी, एथे हर रुत हँसदी
किन्ना सोणा देस है मेरा

धरती सुनहरी अंबर नीला
हर मौसम रंगीला
ऐसा देस है मेरा
बोले पपीहा कोयल गाये
सावन घिर घिर आये
ऐसा देस है मेरा

गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएं
रंग-बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़-उड़ जाएं
पनघट पर पनहारन जब गगरी भरने आये
मधुर-मधुर तानों में कहीं बंसी कोई बजाए, लो सुन लो
क़दम-क़दम पे है मिल जानी कोई प्रेम कहानी
ऐसा देस है मेरा...

बाप के कंधे चढ़ के जहाँ बच्चे देखे मेले
मेलों में नट के तमाशे, कुल्फ़ी के चाट के ठेले
कहीं मिलती मीठी गोली, कहीं चूरन की है पुड़िया
भोले-भोले बच्चे हैं, जैसे गुड्डे और गुड़िया
और इनको रोज़ सुनाये दादी नानी इक परियों की कहानी
ऐसा देस है मेरा...

मेरे देस में मेहमानों को भगवान कहा जाता है
वो यहीं का हो जाता है, जो कहीं से भी आता है

तेरे देस को मैंने देखा, तेरे देस को मैंने जाना
जाने क्यूँ ये लगता है, मुझको जाना पहचाना
यहाँ भी वही शाम है, वही सवेरा
ऐसा ही देस है मेरा जैसा देस है तेरा

(23) आई लव माई इंडिया
Movie/Album: परदेस (1997)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति, शंकर महादेवन, आदित्य नारायण

लंदन देखा
पैरिस देखा
और देखा जापान
माईकल देखा, एल्विस देखा
सब देखा मेरी जान
सारे जग में कहीं नहीं है दूसरा हिंदुस्तान
दूसरा हिंदुस्तान

ये दुनिया एक दुल्हन
दुल्हन के माथे की बिंदिया
ये मेरा इंडिया
आई लव माई इंडिया

जब छेड़ा मल्हार किसी ने
झूमके सावन आया
आग लगा दी पानी में जब
दीपक राग सुनाया
सात सुरों का संगम ये जीवन गीतों की माला
हम अपने भगवान को भी कहते हैं बांसुरी वाला
ये मेरा इंडिया...

पीहू-पीहू बोले पपीहा, कोयल कूहू-कूहू गाये
हँसते, रोते, हमने जीवन के सब गीत बनाए
ये सारी दुनिया अपने-अपने गीतों को गाये
गीत वो गाओ जिससे इस मिटटी की खुश्बू आये
आई लव माई इंडिया...

वतन मेरा इंडिया
सजन मेरा इंडिया
करम मेरा इंडिया
धरम मेरा इंडिया

(24) भारत हमको जान से प्यारा है
Movie/Album: रोजा (1992)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: पी.के.मिश्रा
Performed By: हरिहरन

भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
सदियों से भारत भूमि दुनिया की शान है
भारत माँ की रक्षा में जीवन कुर्बान है

उजड़े नहीं अपना चमन, टूटे नहीं अपना वतन
गुमराह ना कर दे कोई, बरबाद ना कर दे कोई
मंदिर यहाँ, मस्जिद वहाँ, हिन्दू यहाँ, मुस्लिम यहाँ
मिलते रहें हम प्यार से, जागो

हिन्दुस्तानी नाम हमारा है, सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी शान से कहेंगे हम
सभी ही तो भाई-भाई प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है

आसाम से गुजरात तक, बंगाल से महाराष्ट्र तक
जाति कई, धुन एक है, भाषा कई, सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक, कह दो सभी हम एक हैं
आवाज़ दो हम एक हैं, जागो

(25) ये जो देस है तेरा
Movie/Album: स्वदेस (2004)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: ए.आर.रहमान

ये जो देस है तेरा, स्वदेस है तेरा
तुझे है पुकारा
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता

मिट्टी की है जो ख़ुश्बू, तू कैसे भुलायेगा
तू चाहे कहीं जाये, तू लौट के आयेगा
नई-नई राहों में, दबी-दबी आहों में
खोये-खोये दिल से तेरे कोई ये कहेगा
ये जो देस...

तुझसे ज़िंदगी, है ये कह रही
सब तो पा लिया, अब है क्या कमी
यूँ तो सारे सुख हैं बरसे
पर दूर तू है अपने घर से
आ लौट चल तू अब दिवाने
जहाँ कोई तो तुझे अपना माने
आवाज़ दे तुझे बुलाने
वही देस
ये जो देस...

ये पल हैं वही, जिसमें हैं छुपी
पूरी इक सदी, सारी ज़िंदगी
तू न पूछ रास्ते में काहे
आये हैं इस तरह दो राहे
तू ही तो है राह जो सुझाये
तू ही तो है अब जो ये बताये
जाएं तो किस दिशा में जाये
वही देस
ये जो देस...


(26) हर करम अपना करेंगे
Movie/Album: कर्मा (1986)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मोहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल

मेरा कर्मा तू मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए

तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन, महबूब मेरे, तुझपे दिल क़ुर्बान है
हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है...

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमवतन, हमनाम हैं
जो करे इनको जुदा मज़हब नहीं, इल्जाम है
हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है...

तेरी गलियों में चलाकर नफ़रतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहे है आंप वो, अपने घरों को लूट कर
खेलते हैं बेखबर, अपने लहू से होलियां
हम जिऐंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है...

(27) जन-गण-मन
जन-गण-मन अधिनायक, जय हे
भारत-भाग्य.-विधाता,
पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा,
द्रविड़-उत्कजल बंग,
विन्य़्ा -हिमाचल-यमुना गंगा,
उच्छिल-जलधि-तरंग,
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा,
जन-गण-मंगल दायक जय हे
भारत-भाग्यत-विधाता
जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे।






(28) वंदे मातरम्
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥


(29)  मेरा मुल्क मेरा देश

मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन 
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
आ.. हा.. आहा.. आ..
इसकी मिट्टी से बने तेरे मेरे ये बदन
इसकी धरती तेरे मेरे वास्ते गगन
इसने ही सिखाया हमको जीने का चलन
जीने का चलन..
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन 
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
अपने इस चमन को स्वर्ग हम बनायेंगे
कोना-कोना अपने देश का सजायेंगे
जश्न होगा ज़िन्दगी का, होंगे सब मगन
होंगे सब मगन..
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
मेरा मुल्क मेरा देश मेरा ये वतन
शांति का उन्नति का प्यार का चमन
इसके वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन
ए वतन, ए वतन, ए वतन
जानेमन, जानेमन, जानेमन.

(30) सारे जहाँ से अच्छा

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा
ग़ुर्बत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा
परबत वह सबसे ऊँचा, हम्साया आसमाँ का
वह संतरी हमारा, वह पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँ
गुल्शन है जिनके दम से रश्क-ए-जनाँ हमारा
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वह दिन हैं याद तुझको
उतरा तिरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मज़्हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोसिताँ हमारा
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
इक़्बाल! कोई महरम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा


(31)  इण्डियावाले
हो माने या कोई माने ना
यहाँ अपनी भी थोड़ी अदा थोडा अंदाज़ है
ऐसे है चाहें वैसे है अरे जो भी है जैसे है
खुद पे हमें नाज है

जाने ना हमको ये ज़माना चाहों तो हमको आजमाना
हम यारबाज़ हम जालसाज़ हम इश्कबाज दिलवाले
कहते है हमको प्यार से इण्डिया वाले
छू लेते है दिल के तार से इण्डिया वाले
हर जीत छीन ले हार से इण्डिया वाले
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले

यूँ तो सीधे बड़े कभी चाहें तो हाथों से
लेते लकीरें चुरा ओ हमको परवाह नहीं
जो भी कहता है कहने दे जग ये भला या बुरा
जैसी भी मर्जी हो हमारी करते है ऐसी होशियारी
पर दिल से यार जो ले पुकार तो जान निसार कर डाले

कहते है हमको प्यार से इण्डिया वाले
छू लेते है दिल के तार से इण्डिया वाले
हर जीत छीन ले हार से इण्डिया वाले
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले
उंगली पे सबको नचा दे हम इण्डिया वाले
आँखों की आँखों की चाबी से
थोडा बेताबी से चुपके से खोले दिलों के ताले
जान देते उसको जहान देते
अपना ईमान देते जिसकी भी बाहें गले में डाले

दुनिया से हमको क्या ले जाना यारों के दिलों में हो ठिकाना
हमें एक बार होता है प्यार ये लाख बार कहला ले
कहते है हमको प्यार से इण्डिया वाले
छू लेते है दिल के तार से इण्डिया वाले
हर जीत छीन ले हार से इण्डिया वाले
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले
उंगली पे सबको नचा दे
दुश्मन के छक्के छुड़ा दे हम इण्डिया वाले


 32. मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे है
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला ओय रंग बेसमान है
बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला  (२)
मेर रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर बस इतन अर्मान है (२)
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी अपन दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंति चोला मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंति चोला ओय रंग दे बसंती चोला
माई रंग दे बसंती चोला

जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झांसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला पहन के निकला
आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला ओय रंग दे
बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला   (२)