Republic Day - 2019

13 December 2020

हिन्दी निबंध लेखन

 

निबंध-लेखन

निबंध-लेखन – निबंध गद्य की वह विधा है जिसमें निबंधकार किसी भी विषय को अपने व्यक्तित्व का अंग बनाकर स्वतंत्र रीति से अपनी लेखनी चलाता है। निबंध दो शब्दों नि + बंध से मिलकर बना है जिसका अर्थ है भली प्रकार कसा या बँधा हुआ। इस प्रकार निबंध साहित्य की वह रचना है जिसमें लेखक अपने विचारों को पूर्णतः मौलिक रूप से इस प्रकार श्रृंखलाबद्ध करता है कि उनमें सर्वत्र तारतम्यता दिखाई दे। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा है कि “यदि गद्य कवियों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है।”

 

 

निबंध की विशेषताएँ

 

Ø  निबंध में विषय के अनुरूप भाषा होनी चाहिए।

Ø  निबंध लिखते समय वर्तनी की शुद्धता तथा विराम चिह्नों का यथास्थान ध्यान रखना चाहिए।

Ø  निबंध में वर्णित विचार एक-दूसरे से संबद्ध होने चाहिए।

Ø  निबंध में विषय संबंधी सभी पत्रों पर चर्चा करनी चाहिए।

Ø  सारांश में उन सभी बातों को शामिल किया जाना चाहिए जिनका वर्णन पहले हो चुका है।

Ø  यदि निबंध लेखन में शब्द-सीमा दी गई है तो उसका अवश्य ध्यान रखें।

 

निबंध के तत्व :

निबंध के निम्नलिखित प्रमुख तत्व माने जाते हैं

 

विषय प्रतिपादन - निबंध में विषय के चुनाव की छूट रहती है, परंतु विषय का प्रतिपादन आवश्यक है।

भाव-तत्व - भाव-तत्व होने पर ही कोई रचना निबंध की श्रेणी में आती है अन्यथा वह मात्र लेख बनकर रह जाती है।

भाषा-शैली - निबंध की शैली के अनुरूप ही उसमें भाषा का प्रयोग होता है। निबंध एक शैली में भी लिखा जा सकता है तथा उसमें अनेक शैलियों का सम्मिश्रण भी हो सकता है।

स्वच्छंदता - निबंध में लेखक की स्वच्छंद वृत्ति दिखाई देनी चाहिए, परंतु भौतिकता भी बनी रहनी चाहिए।

व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति-निबंध में लेखक के व्यक्तित्व की झलक अवश्य होनी चाहिए।

संक्षिप्तता - निबंध में सक्षिप्तता उसका अनिवार्य गुण है।

निबंध के अंग :

निबंध के मुख्य रूप से तीन अंग माने जाते हैं

 

भूमिका/परिचयं - यह निबंध का आरंभ होता है। इसलिए भूमिका आकर्षक होनी चाहिए जिससे पाठक पूरे निबंध को पढ़ने हेतु प्रेरित हो सके।

विस्तार - भूमिका के पश्चात निबंध का विस्तार शुरू होता है। इस भाग में निबंध के विषय से संबंधित प्रत्येक पक्ष का अलग अलग अनुच्छेदों में वर्णन किया जाता है। प्रत्येक अनुच्छेद की अपने पहले तथा अगले अनुच्छेद से संबद्धता अनिवार्य है। इसके लिए विचार क्रमबद्ध होने चाहिए।

उपसंहार - इस अंग के अंतर्गत निबंध में व्यक्त किए गए सभी विचारों का सारांश प्रस्तुत किया जाता है।

निबंध के प्रकार :

मुख्य रूप से निबंध के चार प्रकार माने जाते हैं

वर्णनात्मक

विवरणात्मक

विचारात्मक

भावात्मक

1. वर्णनात्मक - वर्णनात्मक निबंध में स्थान, वस्तु, दृश्य आदि का क्रमबद्ध वर्णन किया जाता है। त्योहारों-दीवाली, रक्षाबंधन, होली तथा वर्षा ऋतु आदि पर लिखे निबंध इसी कोटि में आते हैं।

 

2. विवरणात्मक - विवरणात्मक निबंधों में विषय से संबंधित घटनाओं, व्यक्तियों, यात्राओं, उत्सवों आदि का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पं० जवाहरलाल नेहरू, रेल-यात्रा, विद्यालय का वार्षिक उत्सव आदि प्रकार के निबंध इस श्रेणी में आते हैं।

 

3. विचारात्मक - जिन निबंधों में किसी समस्या, विचार, मनोभाव आदि को विश्लेषणात्मक व्याख्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया जाता है, वे विचारात्मक निबंध कहलाते हैं; जैसे-नशाखोरी, विज्ञान से लाभ-हानि आदि।

 

4. भावात्मक - जिन निबंधों में भाव-तत्व प्रधान होता है वे भावात्मक निबंध कहलाते हैं। परोपकार, साहस, पर उपदेश कुशल बहुतेरे आदि निबंध इसी श्रेणी में आते हैं।

 

निबंध लेखन करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ आवश्यक बातें :

 

ü  प्रश्न-पत्र में दिए गए शब्दों की सीमा का ध्यान रखें।

ü  भाषा की शुद्धता का ध्यान रखें तथा विराम चिह्नों का यथास्थान प्रयोग करें।

ü  निबंध लेखन में मौलिकता अवश्य होनी चाहिए।

ü  विषय के अनावश्यक विस्तार से बचें।

ü  निबंध के प्रारंभ या अंत में किसी सूक्ति, उदाहरण, सुभाषित या काव्य पंक्ति के प्रयोग से निबंध आकर्षक बन जाता है।

ü  विचारों की क्रमबद्धता का ध्यान रखें।

ü  आवश्यकतानुसार मुहावरों एवं लोकोक्तियों का प्रयोग करें।

 प्रमुख निबंध 

व्यायाम क महत्व  

अच्छा पडोश  

अनुशाशन की समस्या

अभ्यास क महत्व  

आधुनिक समाज में नारी 

कम्प्यूटर के लाभ  

किसी पर्वतीय स्थल की यात्रा

खेलों का महत्व  

जीवन में खेलकूद का महत्त्व

जीवनदायिनी वर्षा ऋतु 

डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम

दहेज प्रथा-एक समस्या  

दूरदर्शन का बढ़ता प्रभाव

प्रगति के पथ पर बढ़ता भारत

प्रदुषण के कारण और निवारण

बढ़ती महँगाई-एक विकट समस्या 

बाल मजदूरी-एक अभिशाप

भारत का मंगल अभियान 

भारत की ऋतुएँ

भारत गाँवों का देश 

भ्रष्टाचार 

भ्रष्टाचार-एक गंभीर समस्या

मेरा प्रिय कवि 

मेरा प्रिय खेल 

मेरी अविस्मरणीय यात्रा

मेरी प्रिय पुस्तक 

यदि मैं अपने विद्यालय का प्रधानाचार्य होता

लड़का-लड़की एक समान 

विज्ञान के वरदान 

विद्यार्थी और अनुशासन

विद्यालय का वार्षिकोत्सव 

सच्चा मित्र 

श्रम-सफलता का साधन

समय का महत्त्व 

आधुनिक नारी 

एक अंधा बोलता है 

एक पंछी की आत्मकथा

एक बूढ़ी औरत की आत्मकथा 

एक सैनिक की आत्मकथा 

कुत्ता एक पालतू जानवर

छतरी की आत्मकथा

दीपावली 

नारी शिक्षा पर निबंध 

जन्मभूमि 

निरक्षरता – एक अभिशाप 

पुस्तकालय 

बचपन के दिन कितने सुहाने होते है

बाढ़ का एक दृश्य 

बेटी बचाओ बेटी पढाओ  

रक्षाबंधन

माँ 

मेरा आदर्श गाँव

मेरा देश भारतवर्ष 

मेरा प्रिय खिलाड़ी 

मेरा प्रिय खेल कबड्डी

मेरा प्रिय नेता 

मेरा प्रिय मित्र

मेरा प्रिय वैज्ञानिक 

मेरा प्रिय त्योहार 

मेरा भारत महान  

मेरा विद्यालय 

मेरा सबसे प्रिय अध्यापक

मेरी प्रिय ऋतु 

मेरी प्रिय पुस्तक 

मेरी माँ  

मेरे प्रिय शिक्षक 

वर्षा ऋतु 

विज्ञान के चमत्कार  

वृक्षारोपण पर निबंध 

शिक्षक दिवस 

स्वतंत्रता दिवस